आज की तिथि―माघ शुक्ल त्रयोदशी,०७ फरवरी, शुक्रवार
आज के क्रम में......
―६४ कलाएं― 1 – गानविद्या
2 – वाद्य-भांति-भांति के बाजे बजाना
3 – नृत्य
4 – नाट्य
5 – चित्रकारी
6 – बेल-बूटे बनाना
7 – चावल और पुष्पादि से पूजा के उपहार की रचना करना
8 – फूलों की सेज बनान
9 – दांत, वस्त्र और अंगों को रंगना
10 – मणियों की फर्श बनाना
11 – शय्मा-रचना
12 – जलको बांध देना
13 – विचित्र सिद्धियाँ दिखलाना
14 – हार-माला आदि बनाना
15 – कान और चोटी के फूलों के गहने बनाना
16 – कपड़े और गहने बनाना
17 – फूलों के आभूषणों से श्रृंगार करना
18 – कानों के पत्तों की रचना करना
19 – सुगंध वस्तुएं – इत्र, तैल आदि बनाना
20 – इंद्रजाल-जादूगरी
21 – चाहे जैसा वेष धारण कर लेना
22 – हाथ की फुती कें काम
23 – तरह-तरह खाने की वस्तुएं बनाना
24 – तरह-तरह पीने के पदार्थ बनाना
25- सूई का काम
26 – कठपुतली बनाना, नाचना
27 – पहली
28 – प्रतिमा आदि बनाना
29 – कूटनीति
30 – ग्रंथों के पढ़ाने की चातुरी
31 – नाटक आख्यायिका आदि की रचना करना
32 – समस्यापूर्ति करना
33 – पट्टी, बेंत, बाण आदि बनाना
34 – गलीचे, दरी आदि बनाना
35 – बढ़ई की कारीगरी
36- गृह आदि बनाने की कारीगरी
37 – सोने, चांदी आदि धातु तथा हीरे-पन्ने आदि रत्नों की परीक्षा
38 – सोना-चांदी आदि बना लेना
39 – मणियों के रंग को पहचानना
40 – खानों की पहचान
41 – वृक्षों की चिकित्सा
42 – भेड़ा, मुर्गा, बटेर आदि को लड़ाने की रीति
43 – तोता-मैना आदि की बोलियां बोलना
44- उच्चाटनकी विधि
45- केशों की सफाई का कौशल
46- मुट्ठी की चीज या मनकी बात बता देना
47 – म्लेच्छ-काव्यों का समझ लेना
48 – विभिन्न देशों की भाषा का ज्ञान
49 – शकुन-अपशकुन जानना, प्रश्नों उत्तर में शुभाशुभ बतलाना
50 – नाना प्रकार के मातृकायन्त्र बनाना
51 – रत्नों को नाना प्रकार के आकारों में काटना
52 – सांकेतिक भाषा बनाना
53 – मनमें कटकरचना करना
54 – नयी-नयी बातें निकालना
55 – छल से काम निकालना
56 – समस्त कोशों का ज्ञान
57 – समस्त छन्दों का ज्ञान
58 – वस्त्रों को छिपाने या बदलने की विद्या
59 – द्यू्त क्रीड़ा
60 – दूरके मनुष्य या वस्तुओं का आकर्षण
61 – बालकों के खेल
62 – मन्त्रविद्या
63 – विजय प्राप्त कराने वाली विद्या
64 – बेताल आदि को वश में रखने की विद्या